परिचय
01 जुलाई 1942 को ग्राम गनेरा जिला- होशंगाबाद में जन्में गिरिमोहन गुरु शिक्षा विभाग में लम्बे समय तक शिक्षक रहे हैं। हिन्दी साहित्य के प्रचार प्रसार में बढ़—चढ़कर भाग लेने वाले श्री गुरु होशंगाबाद में नगर श्री के नाम से जाने जाते हैं। देश भर की पत्र–पत्रिकाओं में आपकी रचनाओं का अनवरत प्रकाशन होता रहता है। आपने अनेक विधाओं में काव्य सृजन किया है परन्तु नवगीत में आपकी विशेष अभिरुचि है। मंच संचालन एवं संयोजन की दिशा में आप सिद्धहस्त हैं। कलमकार परिषद् भोपाल ने आपके व्यक्तित्व व कृतित्व पर पुस्तक प्रकाशित की है– संवेदना और शिल्प ।
आपके प्रकाशित संग्रह हैं—
*मुझे नर्मदा कहो नवगीत संग्रह
*गजल का दूसरा किनारा गजल संग्रह
*राग—अनुराग
*बाल रामायण
*बालबोधिनी
*** विश्वजाल पत्रिका अनुभूति पर हिन्दी के १०० सर्वश्रेष्ठ गीतों में सम्मिलित
सम्पर्क सूत्र-
गोस्वामी सेवाश्रम,
श्री नर्मदा मन्दिरम् आवासीय मंडल उपनिवेशिका
होशंगाबाद (म.प्र.) 461001
दूरभाष—